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Monday, May 4, 2015

Vietnam's inspire by Maharana Pratap

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वियतनाम विश्व का एक छोटा सा देश है जिसने..... अमेरिका जैसे बड़े बलशाली देश को झुका दिया।

लगभग बीस वर्षों तक
चले युद्ध में अमेरिका पराजित हुआ। अमेरिका पर विजय के बाद वियतनाम के राष्ट्राध्यक्ष से एक पत्रकार ने एक सवाल पूछा.....

जाहिर सी बात है कि सवाल यही होगा कि आप युद्ध कैसे जीते या अमेरिका को कैसे झुका दिया ??

पर उस प्रश्न का दिए गए उत्तर को सुनकर आप हैरान रह जायेंगे और आपका सीना भी गर्व से भर जायेगा।
दिया गया उत्तर पढ़िये।

सभी देशों में सबसे शक्ति शाली देश अमेरिका को हराने के लिए मैंने एक महान व् श्रेष्ठ भारतीय राजा का चरित्र पढ़ा।
और उस जीवनी से मिली प्रेरणा व युद्धनीति का प्रयोग कर हमने सरलता से विजय प्राप्त की।

आगे पत्रकार ने पूछा...
"कौन थे वो महान राजा ?"

मित्रों जब मैंने पढ़ा तब से जैसे मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो गया आपका भी सीना गर्व से भर जायेगा।

वियतनाम के राष्ट्राध्यक्ष ने
खड़े होकर जवाब दिया...
"वो थे भारत के राजस्थान में मेवाड़ के महाराजा महाराणा प्रताप सिंह !!"

महाराणा प्रताप का नाम
लेते समय उनकी आँखों में एक वीरता भरी चमक थी। आगे उन्होंने कहा...

🚩"अगर ऐसे राजा ने हमारे देश में जन्म लिया होता तो हमने सारे विश्व पर राज किया होता।"

कुछ वर्षों के बाद उस राष्ट्राध्यक्ष की मृत्यु हुई तो जानिए उसने अपनी समाधि पर क्या लिखवाया...

"यह महाराणा प्रताप के एक शिष्य की समाधि है !!"

कालांतर में वियतनाम के
विदेशमंत्री भारत के दौरे पर आए थे। पूर्व नियोजित कार्य क्रमानुसार उन्हें पहले लाल किला व बाद में गांधीजी की समाधि दिखलाई गई।

ये सब दिखलाते हुए उन्होंने पूछा " मेवाड़ के महाराजा महाराणा प्रताप की समाधि कहाँ है ?"

तब भारत सरकार के अधिकारी चकित रह गए, और उनहोंने वहाँ उदयपुर
का उल्लेख किया। वियतनाम के विदेशमंत्री उदयपुर गये, वहाँ उनहोंने महाराणा प्रताप की समाधि के दर्शन किये।

समाधी के दर्शन करने के बाद उन्होंने समाधि के पास की मिट्टी उठाई और उसे अपने बैग में भर लिया इस पर पत्रकार ने मिट्टी रखने का कारण पूछा !!

उन विदेशमंत्री महोदय ने कहा "ये मिट्टी शूरवीरों की है।
इस मिट्टी में एक महान् राजा ने जन्म लिया ये मिट्टी मैं अपने देश की मिट्टी में
मिला दूंगा ..."

"ताकि मेरे देश में भी ऐसे ही वीर पैदा हो। मेरा यह राजा केवल भारत का गर्व न होकर सम्पूर्ण विश्व का गर्व होना चाहिए।"

अपेक्षा व्यक्त करता हूँ की यह पोस्ट आप बड़े अभिमान के साथ ज्यादा से ज्यादा मित्रों शेयर करेंगे।

🚩जय हाे "भारत रत्न" महाराणा प्रताप की
नाम - कुँवर
प्रताप जी {श्री महाराणा प्रतापसिंह जी}
जन्म - 9 मई, 1540 ई.
जन्म भूमि - राजस्थान कुम्भलगढ़
पुन्य तिथि - 29 जनवरी, 1597 ई.
पिता - श्री महाराणा उदयसिंह जी
माता - राणी जीवत कँवर जी
राज्य सीमा - मेवाड़
शासन काल - 1568–1597ई.
शा. अवधि - 29 वर्ष
वंश - सुर्यवंश
राजवंश - सिसोदिया
राजघराना - राजपूताना
धार्मिक मान्यता - हिंदू धर्म
युद्ध - हल्दीघाटी का युद्ध
राजधानी - उदयपुर
पूर्वाधिकारी - महाराणा उदयसिंह जी
उत्तराधिकारी - राणा अमर सिंह जी
अन्य जानकारी - श्री महाराणा प्रताप सिंह
जी के पास एक सबसे प्रिय घोड़ा था,
जिसका नाम 'चेतक' था।
"राजपूत शिरोमणि श्री महाराणा प्रतापसिंह जी" उदयपुर, मेवाड़ में सिसोदिया राजवंश के राजा थे।
वह तिथि धन्य है, जब मेवाड़ की शौर्य-भूमि परमेवाड़-मुकुट मणि राणा प्रताप जी का जन्म हुआ। श्री प्रताप जी का नाम इतिहास मेंवीरता और दृढ प्रण के लिये अमर है। श्री महाराणा प्रतापजी की जयंती विक्रमी सम्वत् कॅलण्डर के अनुसार प्रतिवर्ष ज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है।

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